Maa Kali Mandir Bettiah History: माँ काली मंदिर से जुड़ी गौरवशाली ऐतिहासिक जानकारियाँ अद्भुत तथ्य

By: Apna Bettiah

On: July 6, 2025

Maa Kali Mandir Bettiah History

Maa Kali Mandir Bettiah History: पश्चिमी चंपारण ज़िले के बेतिया शहर में में स्थित माँ काली मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, परंपरा और इतिहास का जीवंत प्रतीक है। बेतिया शहर में स्थित यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है, बल्कि दूर-दराज़ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

माँ काली मंदिर का शांत और स्वच्छ वातावरण यहां आने वालों को एक अलग ही सुकून देता है। शाम होते ही मंदिर परिसर में सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। विशेष रूप से रामनवमी, दशहरा, महाशिवरात्रि और छठ पूजा के अवसर पर यहां भारी संख्या में भक्त पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।

माँ काली मंदिर बेतिया का इतिहास और रहस्य

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कहा जाता है कि इस भव्य मंदिर की स्थापना लगभग 400 साल पहले, 1614 ईस्वी में, शाही परिवार के महाराज हरिश्चन्द्र ने की थी। यह मंदिर करीब 10 एकड़ क्षेत्र में फैला है, जिसमें से 4 एकड़ में मंदिर भवन है और बाकी 6 एकड़ में खुला मैदान और परिसर फैला हुआ है।

इतिहास में काली बाग मंदिर अपनी तांत्रिक विद्या के लिए खास पहचान रखता है। माना जाता है कि मंदिर की स्थापना के दौरान तांत्रिक रीति-रिवाजों के अनुसार 108 नरमुंडों की बलि दी गई थी। मंदिर में कुल 56 कोठियाँ हैं, जिनमें विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं। यही कारण है कि यह मंदिर दुनिया का पहला ऐसा स्थान माना जाता है, जहाँ एक साथ 365 देवी-देवता मौजूद हैं

Bettiah Kali Bagh Mandir

इसके अलावा, यहाँ कलयुग के देवता की भी एक मूर्ति स्थापित है, जो इस मंदिर को और भी अनोखा और विशेष बनाती है। इन सभी कारणों से काली बाग मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि तांत्रिक परंपरा और धार्मिक इतिहास का भी महत्वपूर्ण प्रतीक है। मंदिर परिसर में एक प्राचीन तालाब स्थित है, जिसके अंदर सात कुएं हैं। मंदिर में दक्षिणमुखी मां काली, भगवान शिव, सूर्य देव, श्री गणेश और भगवान विष्णु के दस अवतारों की मूर्तियां स्थापित हैं। यह स्थान साधकों के लिए तांत्रिक सिद्धियों की साधना का मुख्य केंद्र माना जाता है। देश-विदेश से साधक यहां तपस्या करने आते थे।

माँ काली मंदिर की कहानी

काली मंदिर छोटे छोटे मंदिरो में 5 खंडो में विभाजित है।सभी खंडो में मुख्य देवी-देवताओ की प्रतिमाये है। माँ काली की पवित्र स्थान दक्षिण में स्थित है जहाँ ” चतुर्भुजी माँ काली ” की प्रतिमा है। मंदिर की बायीं स्थान पर ”तारा माता” की प्रतिमा है और दायीं स्थान पर ”महाकाल भैरव” की प्रतिमा है।दीयां के बायीं ओर ”छिनमस्तिका” तथा ”त्रिपुरासुंदरी” की प्रतिमाएं है जबकि दायीं ओर ”महालक्ष्मी” तथा ”भुवनेश्वरी” की प्रतिमाएं है।

Kali Bagh Mandir Statues

पवित्र स्थान के बाहर बरामदा में ”गणेश” और ‘बटुक-भैरव” की प्रतिमाएं है। माँ काली, नव-दुर्गा, दस-महाविद्या, अष्ट-भैरव तथा काल-भैरव की मंदिरे जो मुख्य खण्ड का निर्माण करती है,जहाँ माँ काली की भव्य प्रतिमा है। ”माँ काली सेवा विवाह समिति” के अध्यक्ष ”बिहारी लाल साहू” के अनुसार ”दस-महाविद्या” मंदिर में 10 देवताओ की प्रतिमा है तथा ”नव-दुर्गा” मंदिर में माँ दुर्गा की 9 प्रतिमाएं है।

काली बाग़ बेतिया का धार्मिक महत्व

माँ काली मंदिर की महत्व यह हैं की इसकी 56 भुजाये है तथा 5 मुख है।”चतुर्थ षष्ठ योगिनी” एवं ”महाकाली” मंदिर दूसरे खंड में आती है जिसमे 74 योद्धाओ की मुर्तिया है जिन्होंने माँ दुर्गा से युद्ध किया था।अष्ट माता (आदि शक्ति) की 8 प्रतिमाएं यही स्थित है।इस खंड की मुख्य मूर्ति ”उग्रतारा” है। तीसरे खंड की मंदिरो में ”दशावतार” मंदिर मुख्य मंदिर है जिसमे 24 देवी-देविताओ की प्रतिमाएं है जिनमे पंच-गंगा,विष्णु-गरुड़,विनायक गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि की प्रतिमाएं शामिल है, जिसमे मुख्य प्रतिमा ”राधा-कृष्ण” की है।इसी मंदिर में भगवान ”महामृत्युंजय महादेव” की आदर्श प्रतिमा है।

Kali Bagh Temple Image

चौथे खंड में ”एकादशरुद्र”,”दशौदीर्घपाल”,”पतितपावनेश्वर महादेव” तथा ”पाशुपतिनाथ” की मंदिरे स्तिथ है।पाशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिमा काठमांडू में स्थित पाशुपतिनाथ मंदिर की अनुकृति है।इस मंदिर की मुख्य प्रतिमा ”हरात्मक महादेव” की है। पांचवे खंड में ”द्वादश कला सूर्य नारायण”,”नौ ग्रह,”नौ महादशा” तथा ”श्याम कार्तिक महाराज” की मंदिर स्थित है। मंदिर परिसर में कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं, जिनमें भगवान शिव, गणेश, शनि, हनुमान आदि शामिल हैं।

काली मंदिर 400 साल पुराना है: बेतिया राजघराने के द्वारा बनवाया गया था काली मंदिर

इस मंदिर का निर्माण बेतिया राजघराने ने करवाया था। यहाँ कई राजाओं ने मंदिर स्थापित किये, जिनमें सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध काली धाम का दक्षिणेश्वर मंदिर है। यह मंदिर बिहार के धार्मिक स्थलों में सबसे प्रसिद्ध है। यहाँ माँ भगवती की पूजा तांत्रिक विधि से की जाती है।

Kali Bagh Mandir Main Gate

ऐसा माना जाता है कि काली बाग़ मंदिर बेतिया का निर्माण भी तांत्रिक विधि से ही हुआ था, इसलिए यहाँ मानव सिर की बलि की बात कही जाती है।

1614 में महाराज हरिश्चन्द्र ने की थी स्थापना

यहां के स्थानीय जानकारों का कहना है कि इस मंदिर की स्थापना 1614 ई. के आसपास हुई थी। जिस स्थान पर मंदिर बनाया गया है, वह पहले श्मशान घाट था।

मंदिर से एक रहस्यमयी इतिहास जुड़ा हुआ है, जिस पर शायद ही कोई यकीन करेगा, लेकिन यहां के स्थानीय लोग इसे एक सच्ची घटना मानते हैं। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस समय मंदिर का निर्माण हुआ था, उस समय यहां 108 मानव सिरों की बलि दी गई थी।

निर्माण कार्य के दौरान 108 मानव सिरों की बलि दी गई थी

यह देश का ऐसा मंदिर है जहाँ दस महाविद्याओं के साथ नव दुर्गा की स्थापना की गई है। ऐसा माना जाता है कि 108 मानव सिरों की बलि के बाद माँ काली की स्थापना यहाँ की गई थी। इसके अलावा इस काली बाग़ परिसर में 365 देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं

आपके जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की, पूरे भारत में आपको एक ही स्थान पर 365 देवी-देवताओं की मूर्तियाँ कहीं नहीं मिलेंगी

माँ काली की दिव्य उपस्थिति

यह मंदिर पांच मुख्य खंडों में विभाजित है और प्रत्येक खंड में अलग-अलग देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। मुख्य खंड में दक्षिण की ओर “चतुर्भुजी मां काली” की भव्य प्रतिमा स्थापित है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिमा 108 मानव खोपड़ियों पर स्थापित है, जो इसे और भी रहस्यमयी और शक्तिशाली बनाती है।

विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ

  • बाईं ओर: तारा माता, छिनमस्तिका, त्रिपुरासुंदरी
  • दाईं ओर: महाकाल भैरव, महालक्ष्मी, भुवनेश्वरी
  • बरामदे में: गणेश और बटुक भैरव

यहाँ नव दुर्गा, दस महाविद्या, अष्ट भैरव और काल भैरव के भी अलग-अलग मंदिर स्थित हैं।

“माँ काली सेवा विवाह समिति” के अध्यक्ष के अनुसार, दस महाविद्या मंदिर में 10 महाविद्याओं की मूर्तियां और नव दुर्गा मंदिर में माँ दुर्गा के 9 स्वरूप स्थापित हैं।

दूसरे खंड की विशिष्टताएं

यहाँ “चतुर्थ षष्ठ योगिनी” और “महाकाली मंदिर” स्थित हैं, जिसमें 74 योद्धाओं की प्रतिमाएं हैं जो माँ दुर्गा के साथ युद्ध में शामिल हुए थे। इस खंड की मुख्य प्रतिमा “उग्रतारा” मानी जाती है।

तीसरे खंड का वैभव

यहाँ “दशावतार मंदिर” में 24 देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं जिनमें पंचगंगा, विष्णु-गरुड़, विनायक गणेश व रिद्धि-सिद्धि शामिल हैं। इस खंड की मुख्य मूर्ति राधा-कृष्ण की है। यहीं पर महामृत्युंजय महादेव की प्रतिमा भी स्थित है।

चौथा खंड का वैभव

  • एकादश रुद्र
  • दशौ दीर्घपाल
  • पतितपावनेश्वर महादेव
  • पाशुपतिनाथ मंदिर (जो काठमांडू स्थित मंदिर की अनुकृति है)

यहाँ मुख्य प्रतिमा “हरात्मक महादेव” की है।

Maa Kali Bagh Mandir Statues

पाँचवे खंड का वैभव

  • द्वादश कला सूर्य नारायण
  • नवग्रह
  • नव महादशा

श्याम कार्तिक महाराज के मंदिर स्थित हैं।

काली बाग मंदिर से जुड़ी रहस्यमयी सुरंग: स्थानीय विश्वास

स्थानीय लोगो का कहना हैं की, काली बाग मंदिर के दक्षिण दिशा में महारानी का कमरा है, जिसमें एक सुरंग भी मौजूद है। मंदिर के नीचे एक सुरंग है जो भूमिगत होकर राज महल तक जाती है। यह रास्ता कई सालों से बंद है। इस सुरंग का इस्तेमाल रानी मंदिर में पूजा करने के लिए करती थीं।

Bettiah Kali Bagh Mandir Photo

यह सुरंग बेतिया के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है और उस समय की प्राचीन संरचना की झलक देती है। बेतिया में सागर पोखरा, संतघाट मंदिर, काली बाग मंदिर और बेतिया राज दरबार एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। कहा जाता है कि राज महल की रानी सुरंग के जरिए सीधे काली बाग मंदिर में जाकर पूजा करती थीं

मंदिर का ऐतिहासिक तालाब

काली बाग मंदिर परिसर की सबसे खास और आकर्षक चीजों में से एक है इसके बीचों-बीच स्थित खूबसूरत तालाब। यह तालाब न सिर्फ मंदिर की खूबसूरती बढ़ाता है, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का खास केंद्र बना रहता है। स्थानीय लोगो का कहना हैं की, इस खूबसूरत तालाब के अंदर भी कुछ कुएं भी राजा द्वारा बनवाये गए थे

मंदिर के ठीक बीच में बने इस तालाब की परिकल्पना इस तरह की गई है कि यह धार्मिक और प्राकृतिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण नजर आता है।

Kali Bagh Mandir Talaab

तालाब का पानी साफ और ठंडा रहता है, जब सूर्य की किरणें इसकी सतह पर पड़ती हैं, तो नजारा देखने लायक होता है। इस तालाब में रंग-बिरंगी और खास प्रजाति की मछलियां तैरती नजर आती हैं, जिनमें सुनहरी, नारंगी, सफेद और नीली धारीदार मछलियां प्रमुख हैं। इन मछलियों की अठखेलियां बच्चों से लेकर बड़ों तक को पसंद आती हैं।

Bettiah Kali Bagh Mandir Photos

इसके अलावा तालाब में बड़े-बड़े कछुए भी देखे जा सकते हैं जो इसकी जैव विविधता को और समृद्ध करते हैं। शांति की तलाश में यहां आने वाले लोग तालाब के किनारे बैठकर ध्यान लगाते हैं या फिर पानी की सतह पर तैरती मछलियों को देखते रहते हैं। विशेषकर त्योहारों के दौरान जब मंदिर में भीड़ होती है, तो यह तालाब अपनी शांति और सुंदरता से लोगों को मानसिक शांति प्रदान करता है।

काली मंदिर का चमत्कारी चापाकल

मंदिर परिसर के मुख्य द्वार काली बाग द्वार के पास स्थित हैंडपंप का पानी बहुत शुद्ध माना जाता है, कहा जाता है कि यह हैंडपंप अंदर से करीब 250 फीट गहरा है, और श्रद्धालु इसका सेवन आस्था के साथ करते हैं।

Kali Bagh Temple Chapakal

अगर हम अपना निजी अनुभव साझा करें तो, जब हम छोटे थे, तो हर शाम इस हैंडपंप से पानी भरने जाते थे। हैंडपंप का पानी न केवल ठंडा और ताज़ा होता था, बल्कि सबसे अच्छी बात यह थी कि पानी जल्दी खराब नहीं होता था, यानी पीला नहीं पड़ता था, कई दिनों तक साफ और पीने योग्य रहता था।

काली बाग मंदिर की मान्यता क्या है?

काली बाग मंदिर को मां काली के शक्तिशाली मंदिरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में आकर मां काली की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही सिद्धि भी प्राप्त होती है। यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

Kali Bagh Temple Photos

एक समय मंदिर फूलों के बगीचों से भरा हुआ था

काली बाग मंदिर परिसर न केवल पूजा स्थल था, बल्कि इसकी खूबसूरती का दूसरा पहलू फूलों का बगीचा था, जो किसी स्वर्गिक बगीचे से कम नहीं लगता था। मंदिर परिसर के चारों ओर फैले रंग-बिरंगे, मनभावन और सुगंधित फूलों के बगीचे उस युग की भव्यता और देखभाल को दर्शाते थे।

Bettiah Kali Bagh Mandir Image

हर सुबह जब सूरज की पहली किरण इन फूलों पर पड़ती थी, तो ऐसा लगता था मानो पूरा परिसर मुस्कुरा रहा हो। इन फूलों के बगीचों की खूबसूरती और व्यवस्थितता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनकी देखभाल के लिए माली नियुक्त किए गए थे। मंदिर में आने वाले भक्तों को न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती थी, बल्कि इन फूलों की खुशबू और सुंदरता उनके मन को भी खुश कर देती थी।

काली मंदिर धार्मिक प्रांगण का विवरण

यह काली बाग मंदिर परिसर 10 एकड़ में फैला हुआ है। 4 एकड़ में मूर्तियों के लिए अलग-अलग मंदिर बनाए गए हैं। बाकी 6 एकड़ में मैदान है। मंदिर के बीच में एक तालाब है, जिसके चारों ओर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं। मंदिर के एक दिशा में 64 योगिनी मूर्तियाँ हैं। खास तौर पर अष्ट भैरव, काल भैरव, माता तारा आदि की मूर्तियाँ हैं। नेपाल नरेश द्वारा दिया गया बड़ा घंटा आज भी मौजूद है, जिसे विशेष प्रार्थना पर बजाया जाता है

Kali Bagh Temple Photo

माँ काली मंदिर क्यों है इतना विशेष?

  • इतिहास और परंपरा का संगम, 400 साल पुरानी विरासत
  • त्योहारों पर दिव्य आयोजन और विशाल जनसमूह
  • सभी देवी-देवताओं की उपस्थिति एक ही स्थान पर
  • धार्मिक पर्यटन और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र

माँ काली मंदिर न केवल बेतिया का धार्मिक गौरव है, बल्कि यह उन सभी श्रद्धालुओं के लिए एक ऊर्जा का स्रोत है, जो आस्था और विश्वास के साथ यहां आते हैं। यहाँ आकर हर भक्त को मानसिक शांति और दिव्यता का अनुभव होता है।

Maa Kali Mandir Bettiah History

Post NameKali Bagh Mandir History
✒️ Post Date21 December 2016
✍️ Last Change Date09 May 2023
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📍 यह पोस्ट अपना बेतिया टीम द्वारा कई स्रोतों, सुनी सुनाई बातें, पुराने रिकॉर्ड्स और स्थानीय जानकारों के आधार पर तैयार की गई है। हमने भरसक कोशिश की है कि काली बाग मंदिर से जुड़ी सभी हर महत्वपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचे। इसके बावजूद हमारा मानना है कि शायद हम इस ऐतिहासिक मंदिर से जुड़ी हर जरूरी बात को पूरी तरह शामिल नहीं कर पाए हैं। हो सकता है कुछ तथ्य छूट गए हों या कुछ जानकारियाँ और बेहतर तरीके से दी जा सकती थीं।

संभव है कुछ ऐतिहासिक तथ्य, स्थानिक मान्यताएँ या आपकी अपनी यादों से जुड़ी बातें इस लेख में छूट गई हों, इसलिए हम आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि काली मंदिर से जुडी कोई इतिहास जिससे हम सब अनजान हो, कोई लोककथा, कोई मिथ, कोई तथ्य या सुधार, मंदिर से जुड़ी कोई ऐसी जानकारी है जो इस पोस्ट को और समृद्ध बना सकती है, तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आपकी दी गई जानकारी को हम पोस्ट में शामिल करेंगे और आपका नाम भी सम्मानपूर्वक मेंशन किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि आपकी मदद से यह लेख और भी प्रामाणिक, संपूर्ण और उपयोगी बन सकेगा।

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