बेतिया: बिहार में पाम आयल की अपार संभावना है। जबकि, देश में पूर्व से आंध्रप्रदेश ही एक ऐसा राज्य है जो पाम आयल के मामले में अव्वल रहा है। अब बिहार में भी पाम आयल का पौधा लगा कर अच्छा उपार्जन किया जा सकता है। इसका खुलासा तब हुआ जब जिले के मझौलिया प्रखंड के माधोपुर स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र में पाम आयल का प्रोजेक्ट आरंभ कर इस पर कार्य आरंभ हुआ।
अनुसंधान केन्द्र में पाम आयल का पौधा लगाया गया है, जिसका परिणाम अच्छा आया है। बताते हैं कि आंध्रप्रदेश के पेडाबेगी निदेशालय आयल पाम के द्वारा बिहार में पाम आयल के संभावनाओं को तलाशने के लिए वर्ष 2006 में क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र माधोपुर में पाम आयल का पौधा लगाया।
इस प्रोजेक्ट पर आंध्र प्रदेश आयल पाम निदेशालय के डायरेक्टर डा. एच महेश्वरी, डायरेक्टर अनुसंधान डा. जेपी उपाध्याय, डा. एचएस पांडेय तथा क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र माधोपुर के प्रभारी मुख्य वैज्ञानिक डा. अजीत कुमार के द्वारा प्रोजेक्ट पर कार्य आरंभ करने के साथ ही शोध भी आरंभ की गई। इस क्रम में पाम आयल के कुष्टारिका, करनेल, नट आदि चार प्रभेदों पर कार्य आरंभ हुआ व इसका पौधा लगाया गया। इस क्रम में पौधा की बढ़ने की क्षमता समेत फलन भी अच्छा पाया गया। फूल भी सुंदर आये व फल भी अच्छे लग रहे है। फल में एक बंच का वजन 17 से 22 किलोग्राम तक पाया गया है। नट फल के घेरकार्प में तेल की मात्रा 18 से 24 प्रतिशत पायी गई है। करनेल में तेल की मात्रा 45 से 55 प्रतिशत पायी गई है। इसको लेकर प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे कृषि वैज्ञानिक काफी उत्साहित है। अनुसंधान केन्द्र में लगाये गये पौधा के फूल व फल को देख कर उनमें काफी खुशी भी है। इस बावत निदेशालय बिहार सरकार को एक प्रस्ताव भेज सकता है। बिहार सरकार वैसे भूमि का सर्वे करा कर उपलब्ध कराने को कही जाएगी जो अनुपयुक्त है। वैसे भूमि में पाम आयल का पौधा लगाया जा सकता है।
गोदरेज व रूचि समेत नामी कंपनियों को आयल यूनिट बनाने का दिया जा सकता प्रस्ताव
पाम आयल के प्रोजेक्ट पर सफलता पाने के बाद आंध्र प्रदेश निदेशालय के द्वारा देश के नामचीन गोदरेज, रूची आदि आयल कंपनियों को प्रस्ताव भेजा जा सकता है। इससे इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में काफी सुविधा मिल सकती है। साथ ही राज्य सरकार को भी इसकी सूचना दी जाएगी। हालांकि इस मामले में पदाधिकारी कुछ भी फिलहाल बताने के पक्ष में नहीं है।
अनुसंधान केन्द्र में पाम आयल के प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। जिसमें काफी सफलता मिली है। सफलता से पता चल रहा है कि बिहार में पाम आयल की काफी संभावनाएं है। फूल व फल दोनों ही अच्छे है।
—-डा. अजीत कुमार
मुख्य वैज्ञानिक
क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, माधोपुर