संजय जायसवाल बीजेपी के पुराने नेताओं में से हैं. वे पार्टी के अनुभवी नेता हैं और बेतिया से लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं. पहली बार उन्होंने 2009 में इस सीट से लोकसभा का चुनाव जीता था. उनके माता और पिता भी राजनीति में थे।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जयसवाल को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. एक साल बाद ही बिहार में चुनाव होने हैं. अभी बीजेपी और जेडीयू के बीच नेतृत्व को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है. ऐसे में संजय जयसवाल का काम काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है.
साफ सुथरी छवि के नेता हैं जयसवाल
संजय जयसवाल को काफी साफ सुथरी छवि का नेता माना जाता है. वे कभी विवादों में नहीं रहे हैं. इसके साथ ही वे बीजेपी के कोर वोटबैंक माने जाने वाले वैश्य समुदाय से आते हैं. इन तमाम बातों को ध्यान में रखकर भी बीजेपी ने उन्हें इनती बड़ी जिम्मेदारी दी है.
तीन राज्यों के प्रदेशाध्यक्ष मोदी कैबिनेट में हुए थे शामिल
प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब दूसरी बार देश में एनडीए की सरकार बनी तो तीन राज्यों के प्रदेशाध्यक्ष को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था. इन तीनों में से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को तो नया प्रदेशाध्यक्ष मिल गया था लेकिन बिहार को लेकर माथापच्ची जारी थी. 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पार्टी जल्दबाजी में फैसला नहीं करना चाहती थी