अब जाम को झेलना राहगीरों को पड़ता है। कई बार तो ऐसा भी होता है जाम में एंबुलेंस भी फंस जाता है। मरीज दर्द से कराहते रहता है। एंबुलेंस का सायरन बजते रहता है पर वहीं होता है जो मंजूर ए खुदा होता है। अगर उनकी मेहरबानी हुई तो मरीज किसी तरह चिकित्सक के पास पहुंच जाते है या फिर अकाल ही मौत के गाल में समाहित हो जाते है। सर्वाधिक परेशानी तो उन्हें है जो शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालयों में आते जाते है। भूखे प्यासे बच्चे जाम में फंस कर जाम हटने की टकटकी लगाये रहते है। जिसमें छात्राओं का हाल और भी बुरा हो जाता है।
वही वाहनों से भी विद्यालय से घर समय से पहुंच जाए व विद्यालय पहुंच जाए इसकी भी गारंटी नहीं है। नगर परिषद के द्वारा अब तक पार्किंग जोन नहीं बना जा सका। जिससे जिला मुख्यालय से विभिन्न प्रतिष्ठानों व कार्यालयों में जाने वाले लोग सड़क पर ही वाहनों की अवैध पार्किंग कर देते हैं। जाहिर है कि वहां से शहर की पतली व संकीर्ण सड़क पर दोनों दिशा से आने वाले वाहनों की लंबी कतार साइड लेने के क्रम में लग जाती है। वही जिले के विभिन्न क्षेत्रों से भ्ज्ञी मुख्यालय में प्रत्येक दिन सैकड़ों वाहनों का आना जाना होता है। पर नगर में एक भी पार्किंग जोन नहीं होने के कारण सभी वाहन सड़क पर या फिर सरकारी दफ्तरों के परिसर में ही लगा करते है। जबकि पार्किंग जोन बना देने से नगर परिषद को भी राजस्व की प्राप्ति हो सकती है व नगर के लोगों व राहगीरों को भी जाम से मुक्ति मिल सकती है।
अतिक्रमण भी है जाम का कारण
नगर में सरकारी भूमि का अतिक्रमण भी जाम का कारण है। नगर के सभी सड़कों के किनारे अतिक्रमण है। कुछ लोग सड़क के किनारे गुमटी, ठेला, रेड़ी व फूस की झोपड़ी कर दुकानें खोल ली है। जबकि कुछ पक्का भवन में चलने वाले दुकानदारों की आधी दुकानें सड़क पर ही लगा करते है। कारण कि उन्हें ग्राहकों को अपने तरफ आकर्षित करना है। साथ ही उनका जेनरेटर भी दुकान के सामने ही सड़क पर ही लगा दी जाती है। इससे भी जाम की समस्या उत्पन्न होती है।
साहब बाइक व हेलमेट जांच से नहीं हटेगी जाम
पुलिस के द्वारा हमेशा ही वाहन चालकों पर नियंत्रण के लिए वाहन जांच अभियान चलाया जाता है। इस क्रम में ज्यादातर बाइक की ही जांच होती है। जिसका कागजात सही निकला उसे तो उसी समय ही छोड़ दिया जाता है। जिसका अधूरा है वो कानूनी प्रक्रिया पूरा करता है या फिर पैरवी संस्कृति में लग जाता है। वाहन वहां से छूटने के बाद फिर वही वाहन अनियंत्रित ढंग से नगर के सड़कों पर दौड़ने लगते है। इससे भी जाम की समस्या उत्पन्न होती है। कारण कि नगर में ज्यादातर जाम का कारण टेंपो व बाइक भी हुआ करते है। जाम से मुक्ति के लिए पुलिस को हरेक चौक चौराहा पर बल तैनात करने की आवश्यकता है। न कि समाहरणालय, मीना बाजार तथा सटेशन चौक पर पुलिस बल तैनात कर देने से जात से मुक्ति मिल सकती है।
इन जगहों पर होता जाम व गलत पार्किंग
स्टेशन चौक, समाहरणालय चौक, हरिवाटिका चौक, बस स्टेंड चौक, छावनी चौक, राज स्कूल व राज ड़योड़ी, जनता सिनेमा चौक, तीन लालटेन चौक, सोआबाबू चौक, अस्पताल के सामने, मित्रा चौक, नया बाजार चौक, एसबीआई शाखा के सामने, मोहर्रम चौक, व्यवहार न्यायालय के सामने, कालीधाम मंदिर के सामने, गुर्गा मंदिर के पूर्वी सड़क गेट व इमली चौक मार्ग आदि।
पार्किंग जोन की दिशा में सार्थक पहल जारी है। जल्द ही पार्किंग जोन का निर्माण कार्य कराया जाएगा। वही समय समय पर अतिक्रमण भी हटाया जाता है।—डा. विपिन कुमारकार्यपालक पदाधिकारीनगर परिषद, बेतिया