घटना के बाद से आरोपित अपने परिजनों के साथ फरार है। सूचना पर पहुंची शिकारपुर पुलिस ने आरोपित के घर पर छापेमारी भी की। किन्तु वह पकड़ में नहीं आ सका।
आरोपित महुअवा मंझरिया गांव निवासी प्रदीप चौधरी (18)है। थानाध्यक्ष चन्द्रशेखर प्रसाद गुप्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपित की धर पकड़ के लिये छापेमारी की जा रही है। फिलवक्त आरोपित समेत उसके परिजन घर छोड़कर फरार हैं।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि बच्ची अपनी दादी के साथ बकरी चराने गयी थी। भूख लगने पर वह खाना खाने अपने घर जा रही थी। किन्तु आरोपित ने बीच रास्ते ही उसे उठाकर एक गन्ने के खेत में ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बच्ची किसी तरह से अपने घर पहुंची और अपनी मां से घटना की जानकारी दी।
परिजन आनन फानन में उसे लेकर स्थानीय पीएचसी पहुंचे। किन्तु वहां भी चिकित्सक समेत अन्य ने कोई सुधी नहीं ली। बाद में बच्ची के परिजनों ने बच्ची का इलाज एक निजी क्लिनिक में कराया। थानाध्यक्ष ने बताया कि बच्ची का इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति सामान्य है। उन्होंने बताया कि बच्ची के पिता के आवेदन पर एफआईआर दर्जकर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।
पीड़ित बच्ची के परिजनों को दी गयी है धमकी: घटना के बाद पीड़ित बच्ची के परिजनों आरोपियों ने केस नहीं करने की धमकी दी है। थाने में दर्ज कराये गये एफआईआर में यह खुलासा हुआ है। दरअसल में,दुष्कर्म की घटना की जानकारी मिलने पर पीड़ित बच्ची के परिजन शिकायत करने आरोपी के घर पहुंचे। किन्तु आरोपी घर से फरार मिला।
हो हल्ला सुनकर आरोपी का पिता सुरेश चौधरी व आरोपी के चाचा मुन्ना चौधरी ने गाली गलौज करते हुए पीड़िता के परिजनों को भगा दिया। धमकी दी कि केस करने पर इससे भी बुरा हाल होगा।
थानाध्यक्ष सीपी गुप्ता ने बताया कि बच्ची के पिता के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। इसमें आरोपित प्रदीप चौधरी के अलावे उसके पिता सुरेश चौधरी व उसके चाचा मुन्ना चौधरी को भी नामजद किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपित समेत उसके अन्य परिजन घर छोड़कर फरार है और उनकी धर पकड़ के लिये लगातार छापेमारी की जा रही है।
थाने में आवेदन लिखाने को लेकर भटकते रहे पीड़ित बच्ची के परिजन
पीड़ित बच्ची के परिजन थाने में गुरुवार की सुबह पहुंचे। लेकिन उन्हें लगभग एक डेढ़ घंटे भटकना पड़ा। पीड़िता के पिता अनपढ़ हैं और रिक्सा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। थाना परिसर में पीड़ित के परिजनों का
आवेदन लिखने तक कोई तैयार नहीं था। बच्ची का पिता थाने के मुंशी समेत अन्य अधिकारियों से मिन्नतें करता रहा। बाद में थाने के एक चौकीदार ने उसे अंचल निरीक्षक के कार्यालय में पहुंचाया। तब जाकर दुष्कर्म के घटना का आवेदन लिखा जा सका। बच्ची के परिजनों ने बताया कि आरजू मिन्नत के बाद उसका आवेदन लिखा गया है।