बेतिया: दिल्ली के सेंट्रल सभागार में मंगलवार को जब रामनाथ कोविंद देश के नये राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे थे तो इधर जिले के भितिहरवा में उन्हें करीब से देखने और जानने वालों के लिए भी यह भावुक क्षण था. श्री कोविंद पिछले साल 15 अप्रैल को भितिहरवा गांधी आश्रम तब आये थे, जब वें बिहार के राज्यपाल थे. यहां उन्होंने चंपारण की धरती को नमन करते हुए इस मिट्टी को प्रेरणादायी बताया था. लिहाजा मंगलवार को उनके राष्ट्रपति पद की शपथ लेते देख भितिहरवा गांधी आश्रम में भी उत्सव सा माहौल रहा.
भितिहरवा गांधी आश्रम के निदेशक राजकुमार झा ने बताया कि पिछले साल 15 अप्रैल को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी के साथ भितिहरवा गांधी आश्रम आये थे. यहां उन्होंने पूरे आश्रम की भ्रमण की और बापू की प्रतिमा माल्यार्पण भी किया था. अपने संबोधन में श्री कोविंद ने कहा था कि मोतिहारी में उनके कार्यक्रम के दौरान लोगों ने उन्हें बताया था कि भितिहरवां आश्रम के दर्शन के बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जायेगी. इसलिए उन्हें लगा कि यहां आना चाहिए.
उन्होंने कहा था कि बापू का यदि देश, विदेश में कहीं परिचय हुआ, तो वह इस धरती से हुई. सबसे बड़ी बात यह है कि गांधी जी पोरबंदर में पैदा हुए, जो सौराष्ट्र का एक छोटा सा जिला है और वह भी 100 साल पहले बंबई राज्य का हिस्सा था. गांधी जी बंबई में पढ़े, फिर लंदन गये. फिर बंबई में वकालत की. फिर साउथ अफ्रीका गये. वह इस धरती को इसलिए भी याद करते हैं कि बापू देश के किसी भी हिस्से से क्रांति की शुरुआत कर सकते थे, लेकिन इस धरती में क्या आकर्षण है, उसे उन्हें देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. श्री कोविंद ने कहा था कि मोहनदास करमचंद गांधी को बापू व राष्ट्रपिता के अस्तित्व में लाने वाली इस चंपारण की धरती को वें नमन करते हैं. हम सभी के यह धरती प्रेरणादायी है, पूजनीय है. श्री कोविंद ने यहां भितिहरवा आश्रम के बाद वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की सैर पर गये थे. समाजसेवी अनिरूद्ध चौरसिया, रत्नेश वर्मा, मनोज यादव, नवलकिशोर मिश्र, दिनेश प्रसाद, दीपेंद्र वाजपेयी आदि ने श्री कोविंद के राष्ट्रपति बनने पर हर्ष व्यक्त किया है.
पुरानी यादें
पिछले साल 15 अप्रैल को भितिहरवा गांधी आश्रम आये थे देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
रामनाथ के राष्ट्रपति बनने पर भितिहरवा में भी रहा उत्सव का माहौल..