हरेक दिन की तरह अपने घर से सटे उस मस्जिद में खुदा की इबादत करने पहुंचा जहां मौत उसका इंतजार कर रही थी। शाम का वक्त और जंगल के चारो ओर से घिरा गांव और इस गांव के उसके कौम के लोग भी खुदा की इबादत करने में मशगूल थे।
इसी बीच एक बदमाश मस्जिद के अंदर घुसा और नमाज अदा कर मुस्तफा जैसे ही निकलकर बाहर आना चाहा, उसकी गर्दन में नजदीक से गोली मार दी। फिर बदमाश बाहर निकला जहां पहले से एक बाइक स्टार्ट थी उस पर बैठ गांव से बाहर निकल गया। गांव में इस बात की खबर जैसे ही फैली तब तक हमलावर काफी दूर निकल चुके थे।
मुस्तफा मस्जिद में ही ढेर हो गया लेकिन इसकी भनक मस्जिद से सटे उसके घरवालों को कुछ देर बाद लगी। तबतक बहुत देर हो चुकी थी। फिर क्या था गांव में कोहराम मच गया और उसके परिजनों ने घटना की सूचना सहोदरा पुलिस को दी। पुलिस मुस्तफा को लेकर नरकटियागंज अस्पताल पहुंची तब तक उसकी इहलीला समाप्त हो चुकी थी। उल्लेखनीय है कि मृतक शेख मुस्तफा के खिलाफ अलग अलग थानों में चार दर्जन से अधिक मामले दर्ज है़, कई मामलों में वह जेल भी जा चुका है़ प्राप्त जानकारी के अनुसार आसपास के इलाकों में तनाव की स्थिति है़
बैरिया के रास्ते भागे हमलावर
मुस्तफा की हत्या के बाद हमलावर गांव से बाहर निकले और बैरिया के रास्ते भागने में सफल रहे। इसके पीछे बताया जा रहा है कि हमलावर ये जानते थे कि बैरिया से जानेवाली सड़क अच्छी है और वह सीधे जमुनिया पुल के पास मिलती है।
हमलावर यह भी जानते थे कि घटना के बाद उस रास्ते का उपयोग किया जाए जिससे सहोदरा थाना का झंझट ही खत्म हो जाए और वे अपना काम कर आसानी से फरार होने में सफल रहे। यह भी हो सकता है कि हमलावर हत्या की घटना को अंजाम देकर मानपुर के रास्ते मैनाटांड़ की ओर निकल गए हो।
लेकिन पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये बताया जा रहा है कि हमलावर बैरिया के रास्ते नरकटियागंज या फिर रामनगर की ओर निकल गए हो। हालांकि ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बदमाश अपाची बाइक पर आए थे और उनकी संख्या तीन थी। बहरहाल पुलिस हत्या के कारणों और अन्य बिन्दुओं की गहनता से जांच पड़ताल में जुटी है।
कहीं हमलावरों ने तो नहीं मारी बालक को ठोकर
मुस्तफा की हत्या के बाद भागने वाले हमलावरों के बारे में बताया जा रहा है कि वे बन बैरिया गांव के पास से गुजरे। उनकी बाइक की रफ्तार बहुत तेज थी। इस बीच प्राथमिक विद्यालय बैरिया के पास खड़े प्रमोद महतो के पुत्र प्रथम कुमार को ठोकर भी लगी। वो घायल हो गया और फिर बाइक सवार बाइक को संतुलित कर तेजी के साथ भाग खड़े हुए। गांव में इस बात की चर्चा बुधवार को दिन भर होती रही कि हमलावरों में से ही एक अपाची बाइक पर सवार दो लोगों ने प्रथम को ठोकर मार दी। बताया यह भी जा रहा है कि बाइक सवार सड़क से सटे खेत में गिरे भी और पुन: बाइक खड़ी की और स्टार्ट कर भाग गए।
मेरी आंखों के सामने मेरे भाई को मारी गोली
बेतिया। शेख मुस्तफा की हत्या के बाद उसके परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मुस्तफा के घर बुधवार को कोहराम मचा रहा। पुलिस पर हत्या में शामिल बदमाशों को नही पकड़ने का भी आरोप मृतक के भाई तूफान मियां ने लगाया है।
परसौनी गांव में तुफान चीख चीख कर कह रहा था कि उसके भाई की हत्या उसके आंखों के सामने ही कर दी गयी। भाई की हत्या में कई कांडों का वांछित मालगुजार मिया और रखही का शब्बु शामिल हें। दोनो दोपहर से ही गांव में जमे थे और शब्बू की बाइक मालगुजार के दरवाजे पर खड़ी थी। उन लोगों से हमारे बीच पुरानी अदावत थी।
एक सप्ताह पूर्व ही शब्बु ने धमकी दी थी। मेरे भाई ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी अगर पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही की होती तो उसकी हत्या नही होती। उसने यह भी कहा कि अब तक किसी की गिरफ्तारी नही हुई। उधर, घटना के बाद शेख मुस्तफा के परिजनों में मातम है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है अन्य ग्रामीणों में किसी दूसरी अनहोनी को लेकर दहशत है।