इसके लिए केंद्र सरकार ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर पर्यटन के लिए विशेष पैकेज भी दिया है। इसी उद्देश्य से पर्यटन निगम के अधिकारियों ने यहां के विभिन्न स्थलों का मुआयना किया है और विकास की संभावनाओं को तलाशा है।
तत्पश्चात उनके अध्ययन पर जिलाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे, जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों व विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर सुझाव आदि लिए गए हैं जिसकी समेकित रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। इसी के तहत जिले में एक पर्यटन केंद्र भी स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे पर्यटकों को चंपारण के पर्यटन स्थलों की जानकारी मिल सके।
उन्होंने कहा कि कृषि की तरह पर्यटन का भी रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसमें चंपारण प्रमुख है। पर्यटन स्थल के अन्य सर्किटों की तरह चंपारण के पर्यटन स्थलों को विकसित कर इसे गांधी सर्किट का नाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश यह है कि पर्यटक जब गांधी व वीटीआर से जुड़े स्थलों को देखने आएं तो यहां के अन्य ऐतिहासिक, पौराणिक व धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण करें और कुछ दिन यहां बिताकर जाएं।
चंपारण में पर्यटन स्थल बहुतायत संख्या है। इसे इस रूप में विकसित किया जाएगा कि देश व दुनिया के लोग यहां आकर पर्यटन का आनंद ले सके। मंत्री ने कहा कि बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट की तरह गांधी सर्किट भी देश का एक महत्वपूर्ण सर्किट बनेगा।
अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से लिया सुझाव
इसके पूर्व पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने जिलाधिकारी डा. निलेश रामचंद्र देवरे, चनपटिया के भाजपा विधायक प्रकाश राय, बेतिया सदर के कांग्रेस विधायक मदन मोहन तिवारी, नौतन के विधायक नारायण साह, रामनगर विधायक भागीरथी देवी के साथ बैठक कर पर्यटन स्थलों के विकास की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रोजेक्टर के माध्यम से एक-एक स्थल के बारे में जानकारी हासिल की और इसका विकास कैसे हो इसपर उनसे सलाह-मशविरा किया। इस दौरान विधायक श्री राय, श्री तिवारी व श्री साह ने कुड़िया कोठी व उदयपुर वनाश्रयी इलाके के विभिन्न स्थलों के विकास की बात कही। इस दौरान पटजिरवा व मदनपुर देवी मंदिर के विकास पर भी बल दिया गया।
बैठक में वन प्रमंडल अधिकारी डॉ. हेमंत पाटिल, अमित कुमार, सदर एसडीओ सुनील कुमार, डीपीआरओ सुशील कुमार शर्मा आदि शामिल थे।
इन स्थलों का होगा विकास
नंदनगढ़, भीतिहरवा आश्रम, भिखनाठोरी, चानकीगढ़, रामनगर का पंचमुखी शिवमंदिर, सरिसवा का शिव मंदिर, हरदिया कोठी, बहुअरवा ब्रह्मस्थान, वृद्धावन आश्रम, पूजहां पटजिरवा माईस्थान, मदनपुर स्थान, सोमेश्वर पहाड़ी क्षेत्र, वीटीआर, सुभद्रादेवी स्थान, वाल्मीकिनगर का नरदेवी स्थान, सीतास्थली, थरूहट का सोफा मंदिर, सागर पोखरा शिवमंदिर, कालीबागर मंदिर, पिउनीबाग का शिवमंदिर, बेतिया राज परिसर सहित गंडक नदी के तलहटी अन्य कई जगहों के विकास का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।