चंपारण के प्रतिभावान लोगों ने हमेशा देश का नाम ऊंचा किया है।चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के दौरान चंपारण के एक ऐसे लाल का नाम सामने आया है जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने शानदार सेवा से लोगों का दिल जीत लिया और उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए लोगों ने उन्हें सर आंखों पर बिठाया और पहली बार किसी भारतीय अधिकारी को भारतीय समुदाय के लिए समर्पित और अनमोल कौंसिलर सेवा के लिए प्रशंसा का प्रमाणपत्र दिया गया। हम बात कर रहे हैं बेतिया के बानूछापर निवासी केशव भारद्वाज की। बता दें कि केशव बेतिया के विपिन हाई स्कूल के पूर्व प्राचार्य श्री कार्तिक नाथ झा के पुत्र हैं और इसी स्कूल से श्री भारद्वाज ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की। इसके बाद बेतिया के एमजेके कॉलेज और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर चले गये। इसके बाद उन्होंने एसएसबी की नौकरी की और फिर दिल्ली पुलिस में अपनी सेवा दी। इस दौरान दिल्ली के विभिन्न थानों में रहे। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। इस दौरान वे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में एंटी टेररिस्ट डिपार्टमेंट में रहे और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन डिपार्टमेंट में भी काम किया।बता दें कि इनकी कार्यकुशलता से प्रभावित होकर दिल्ली पुलिस द्वारा सैकड़ों बार इन्हें सम्मानित किया गया। उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें विदेश सेवा के लिए नामित किया गया। बता दें कि पूरे देश में पुलिस विभाग में अपनी कार्यकुशलता का परिचय देने वाले कुछ पुलिस अधिकारियों को इस सेवा के लिए नामित किया जाता है, इसमें केशव का भी चयन हुआ और वे फिलहाल दक्षिण अफ्रीका के लेसेथो में हैं। बता दे कि वे वहां असिस्टेंट पर्सनल एंड वेलफेयर ऑफिसर के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। भारतीय समुदाय के लोगों ने उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए वहां भी उन्हें सम्मानित किया है। केशव ने बताया कि भारतीय समुदाय को दक्षिण अफ्रीका में पासपोर्ट, वीजा, बर्थ सर्टिफिकेट, पुलिस क्लियरेंस जैसी तमाम समस्याओं के लिए बार-बार प्रिटोरिया स्थित हाई कमीशन की दौड़ लगानी पड़ती थी। भारतीय समुदाय के कई लोगों ने वहां के भारतीय हाई कमिश्नर रुचिरा कंबोज से संपर्क किया और फिर उन्होंने केशव भारद्वाज को यह काम सौंपा। अपनी सूझबूझ से श्री भारद्वाज ने इस समस्या का हल निकाला और भारतीय समुदाय वाले क्षेत्रों में उक्त समस्याओं के समाधान के लिए कैंप लगाना शुरु कर दिया। आपकी सरकार आपके द्वार की तर्ज पर भारतीय समुदाय को भी इस सुविधा का लाभ मिला। इस बारे में श्री केशव ने बताया कि भारतीय समुदाय के वैसे लोग जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं उनके लिए यह कदम वरदान साबित हुआ और उनकी अधिकता वाले क्षेत्रों में ही कैंप लगाने की शुरुआत कर दी गई, जिससे अपनी तमाम समस्याएं लेकर वे कैंप में ही पहुंचने लगे,और उन्हें प्रिटोरिया आने-जाने के भारी खर्च से मुक्ति मिल गई। इससे प्रभावित होकर उन्होंने सबसे बेहतर भारतीय काउंसलर का पुरस्कार उन्हें दिया है। बता दें कि बेतिया के बानू छापर निवासी श्री केशव भारद्वाज ऐसे पहले भारतीय अधिकारी हैं, जिन्हें भारतीय समुदाय द्वारा दक्षिण अफ्रीका में इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।
चंपारण के लाल को मिला दक्षिण अफ्रीका में सर्वश्रेष्ठ कांउसलर का सम्मान
By Apna Bettiah
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बेतिया: चंपारण की धरती ने देश को ऐसे-ऐसे रत्न दिये हैं,जिस पर पूरा देश गर्व करता है। इस मिट्टी में पले-बढ़े लोगों की व्यवहार कुशलता ऐसी होती है कि वह जिसे चाहे अपना बना लेते हैं।