अब कूड़ा-कचरा शहर के सड़कों व गलियों में पसरा नहीं मिलेगा. नगर परिषद प्रशासन कचरों से कंपोस्ट बनाने की योजना बना रही है. योजना के मुताबिक कूड़े-कचरे से कंपोस्ट बनाया जायेगा व उससे कमाई भी की जायेगी. इससे नप की आमदनी बढ़ने के साथ ही साथ किसानों को कम दाम में कंपोस्ट भी मिलेगा.
बेतिया: अब सड़कों पर पसरे कूड़ा-कचरे से शहरवासियों को जल्द ही निजात मिलेगी. शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए नगर परिषद की ओर से कवायद शुरू कर दी गयी है. प्रतिदिन निकलने वाले भारी मात्रा में कूड़े-कचरे से बायो कम्पोस्ट बनाया जाएगा. वहीं, कूड़े में से प्लास्टिक अलग करने के लिए मशीन का इस्तेमाल होगा. इसके लिए नगर परिषद प्रशासन की ओर से कवायद शुरू कर दी गयी है. कचरे से कंपोस्ट बनाने के लिए जगह की भी तलाश शुरू कर दिया है.
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डाॅ विपिन कुमार ने बताया कि कंपोस्ट प्लांट के लगाया जायेगा. इसके लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा गया है. जमीन मिलते ही प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. कूड़े-कचरे से कंपोस्ट बनाया जायेगा. किसानों को कम कीमत पर कंपोस्ट उपलब्ध कराया जायेगा. इससे नगर परिषद के आय में भी वृद्धि होगी.
व्यवसायिक स्थलों पर लगाया जायेगा प्लांट
प्लांट लगाने के लिए अगर आॅफिशियल परमिशन मिल जाती है, तो सबसे पहले इस टेक्निक का इस्तेमाल बाजार समिति, मीना बाजार व झिलिया में किया जाएगा. जहां से काफी संख्या में अनुपयोगी पदार्थ निकलते हैं. इन व्यवसायिक जगहों पर छोटे-बड़े वाहनों में काफी मात्रा में खाद्य पदार्थ व अन्य उपयोगी सामान आते हैं. हर दिन काफी मात्रा में बेकार पदार्थ हो जाते हैं, ऐसे में ये बेकार पदार्थ डस्टबीन में फेंक दिए जाते हैं या इधर-उधर पड़े रहते है, लेकिन अब इनका इस्तेमाल कंपोस्ट बनाने में किया जाएगा.
सस्ती मिलेगी खाद
बेकार कूड़े -कचरे से कंपोस्ट बनाने के लिए जब प्लांट लगाया जाएगा, तो लोगों को भी सस्ती दर पर कंपोस्ट खाद उपलब्ध होगी. इसके साथ ही बेतिया नगर परिषद को भी राजस्व मिलेगा. इसके साथ ही रोजगार का भी सृजन होगा. कुल मिलाकर देखा जाए, तो अनुपयोगी पदार्थ, कूड़े-कचरे को बेकार फेंकने से अच्छा उपयोग कर लिया जाएगा..
कचरा से प्लास्टिक अलग करने के लिए भी मशीन लगायी जायेगी. कचरे से प्लास्टिक या पॉलिथिन अलग किया जायेगा. इसके अलावे कूड़ा चुनने वालों से प्लास्टिक को लिया जायेगा. अगर यह मशीन बेतिया में भी लगाई जाए तो कचरे से प्लास्टिक को अलग करने में मदद मिलेगी. साथ ही पर्यावरण को नुकसान से भी बचाया जा सकेगा – इओ डाॅ विपिन कुमार