डीएम के आदेश पर अतिक्रमण हटाओं इस अभियान की शुरुआत सागर पोखरा के दक्षिण दिशा से शुरु की गयी। धीरे धीरे सभी किनारों पर अवैध कब्जा को तोड़ा गया।
हालांकि यह कार्रवाई केवल कच्चे मकानों पर ही की गयी। नोटिश मिलने का हवाला देते हुए पक्के मकान वालों ने विरोध शुरु कर दिया। जिसके कारण अतिक्रमण हटाने गयी टीम पक्के मकान को तोड़े बगैर वापस लौट गयी। मजिस्ट्रेट सह नप ईओ डा. विपिन कुमार ने बताया कि डीएम के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है।
इस दौरान कई अवैध कब्जों को ध्वस्त किया गया है। लेकिन कई अतिक्रमणकारियों का मामला कोर्ट में विचाराधिन होने के कारण वैसे मकानों को छोड़ दिया गया। अतिक्रमण हटाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। जिसमें नगर थाना, मनुआपुल थाना, कालीबाग व मुफस्सिल थाना की पुलिस बल शामिल रहे। हालांकि अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी की घटना नही घटी।
जानकारी के अनुसार डीएम डा. निलेश रामचंद्र देवरे ने मंगलवार को सागर पोखरा मंदिर का औचक निरीक्षण किया था। जहां सागर पोखरा के किनारे अवैध कब्जा को देख भड़क उठे। इसे जल्द अतिक्रमणमुक्त बनाने का आदेश नप इओ को दिया था। इस दौरान नप सिटी मैनेजर मोजिब्बुल हसन, नप सहायक युवराज बहादूर सिंह, अमित कुमार, जुल्म साह आदि उपस्थित रहे।
नोटिश वालों का नही टूटा मकान
बेतिया। छोटे-छोटे अवैध कब्जों को ध्वस्त कर धीरे धीरे पक्के मकानों को तोड़ने गयी टीम को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा। पक्के मकान वालों ने सीओ के माध्यम से अतिक्रमण हटाने के लिए मिले नोटिश को दिखाते हुए अतिक्रमण हटाने का विरोध करने लगे। हालांकि नप इओ ने इसकी सूचना डीएम को दी। जिसके बाद नोटिश मिलने वाले मकानों को छोड़ शेष मकानों को ध्वस्त कर दिया गया। इस प्रकार कई लोगों ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल खानापूर्ति करने का आरोप लगाया।