बेतिया: पर्व के दिनों में भी ट्रैफिक पुलिस का कोई आता पता नहीं, सन्त कबीर चौक से सागर पोखर तक भयानक भीड़ का मंजर हैं कल से ही। लाल बाज़ार और मीना बाजार में पैदल चलना तक मुश्किल हैं, तीन लालटेन चौक भी जाम से भरा पड़ा हैं, चर्च रोड़ का भी वहीं हाल… छावनी की तो बताने की जरूरत ही नहीं।
उज्जैन टोला से लेकर हरिवाटिका चौक तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई हैं। स्टेशन चौक से सुप्रिया सिनेमा तक आने में 1घंटा का समय लग रहा हैं। और हमारे नाकारे ट्रैफिक पुलिस का कोई आता पता भी नहीं.. कल तो पूरे बेतिया में एकमात्र बस सोवा बाबु चौक पर पुलिस थी इस जाम के दिनों में भी। और आज लाल बाज़ार में 6 ट्रैफिक पुलिस बैठी हैं कोने में कुर्सी लगा कर चाय की चुस्की ले रही हैं..और बगल में ही लाल बाज़ार से सोवा बाबु चौक वाले रास्ते में जाम का बदत्तर मंजर हैं पर ट्रैफिक पुलिस जो लाल बाज़ार चौक पर हैं, उसमें 3 मर्द 3 औरत हैं मर्द पुलिस पान बैठ के खा रहे हैं और औरत वाले चाय की चुस्की ले रहे हैं जबकि लाल बाज़ार से सोवा बाबु चौक वाला रास्ता तथा लाल बाज़ार से चर्च वाले रास्ते जाम से भरा पड़ा हैं। वहीं सोवा बाबु चौक पर जो ट्रैफिक पुलिस हैं उनमें से केवल 2 पुलिस ही ट्रैफिक सम्भाल रहे हैं। बाकि सब बैठ के नजारा देख रहे हैं। तीन लालटेन चौक पर पुलिस दिखी नहीं..जबकि लोग वहाँ जाम से जूझ रहे हैं। रात को अब पुलिस का आता पता भी नही चलता बेतिया में ना गस्ती होती हैं ना कही प्रशासन की गाड़ी नजर आती हैं। सुस्त और लाचार पुलिस अपने शहर में…
हमें तो अपने विधायक से कभी कोई उम्मीद ही नहीं पली, वो उस क़ाबिल लगते ही नहीं.. सांसद जी आजकल बेतिया छोड़ बाकी जगहों पर वोट बनाने के दौरे में लगे हुए हैं..उनको बेतिया से वैसे भी कोई न मतलब हैं ना कुछ.. बाकी जगहों से जितने में लगे हैं, हमें सारा उम्मीद हमारी सभापति श्रीमती गरिमा जी से था.. पर वो भी जाम रोकने में विफल हो गयी.. नगर परिषद रोड को चौड़ा करा देता या पर्व से कुछ दिन पहले ही रास्तो पर लगे आक्रमण हटवा देते तो आज ऐसे जाम से बेतिया को जूझना नहीं पड़ता
बेतिया पुलिस इन दिनों हर मोर्च पर फेल नजर आ रही है. आपराधिक वारदातें थम नहीं रही हैं. रात्रि गश्ती भी नहीं हो रही है और ट्रैफिक सुधारने में भी पुलिस प्रशासन फेल दिख रहा है. नतीजा त्योहारी सीजन में पूरा शहर जाम की समस्या से जूझ रहा है.
वैसे कहने को तो तीन लालटेन चौक, सोआ बाबू चौक, जनता सिनेमा चौक, शहीद चौक(नगर भवन), खुदा बख्श चौक, किशन होटल के सामने पर ट्रैफिक पुलिस हैं, पर आपको दिखें तो बताना हमें भी,…
बेतिया: दीवाली जैसे बड़े पर्व नजदीक है. जिसको लेकर बाजारों में चहल-पहल शुरू हो गयी है. रोजाना ग्रामीण इलाकों से हजारों लोग बाजार करने शहर आ रहे हैं. फिर भी इसको लेकर प्रशासन की ओर से कोई भी तैयारी नहीं दिख रही है. भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने को लेकर कोई प्लान नहीं बनाया गया है.
ट्रैफिक को लेकर भी कोई रूट चार्ट नहीं बना है. ऐसे में अब हर रोज शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. जिससे निबटने के लिए प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की है. लिहाजा परेशानी तय है.
इसका असर आज मंगलवार को शहर में पूरे दिन देखने को मिल रहा हैं.. शहर के सभी चौक-चौराहों पर जाम की स्थिति रही. शहर का तीन लालटेन चौक करीब पांच घंटे तक जाम से जूझता रहा. यहां कई स्कूलों के बस जाम में फंसे रहे. चौक से लाल बाजार, चर्च रोड, जनता सिनेमा, पावर हाउस रोड जाने के सभी रास्तों पर खचाखच वाहन ठूंसे रहे. कमोवेश यही हालात शहर के सोआ बाबू चौक, नेपाली पथ, मुहर्रम चौक, कलेक्ट्रेट चौक, लाल बाजार रोड, छावनी चौक पर भी देखने को मिला. यहां भी तकरीबन पूरे दिन जाम की स्थिति रही.
बाइक व चार पहिया वाहन तो दूर साइकिल तक के निकलने के लिए रास्ता नहीं था. पैदल आने-जाने वालों लोगों को भी जाम में परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं.. मीना बाजार में तो हालात बद से बदतर दिखे. यहां भी आज पूरे दिन जाम की स्थिति रही.
ऑटोचालकों ने सड़क पर बना लिया है पार्किंग स्टैंड, इसके बावजूद कार्रवाई सिफर
नो-इंट्री में घुसते रहे वाहन, राहगीरों के लिए बन जाते हैं मुसीबत
शहर में जाम की प्रमुख वजहों में बड़े वाहनों का शहर में प्रवेश कर जाना है. कहने को तो शहर में सुबह के दस बजे से रात के आठ बजे तक इन वाहनों की नो-इंट्री है, लेकिन इसका तनिक भी पालन नहीं होता है. बड़े व मालवाहक वाहन बिना रोक-टोक मीना बाजार सब्जी मंडी, छोटा रमना चावल मंडी, दाल मंडी इत्यादि जगहों पर पहुंच जाते हैं. वहीं दूसरी ओर से शहर में जुगाड़ गाड़ी की बाढ़ सी आ गई है. यह गाड़ियां भी जाम की प्रमुख वजहों में से एक हैं.
पूर्व में बना ट्रैफिक प्लान फेल, पुलिस की तैनाती नहीं
पूर्व के डीएम लोकेश कुमार सिंह की ओर से ट्रैफिर को लेकर प्लान बनाया गया है. व्यस्त मार्गों को वन-वे कर दिया गया था. नो-इंट्री का पालन सख्ती से हो रहा है. चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती भी थी. समय-समय पर अधिकारी जांच करते थे. लेकिन, यह प्लान मौजूदा समय में पूरी तरह से फेल हो गया है. कहीं कोई भी ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं है.
जाम की वजह
ऑटोचालकों का सड़क पर वाहन रोक कर सवारी बैठाने से
बैंकों के पास अपना पार्किंग स्थल नहीं होने से
कचहरी व पुलिस कार्यालय में निजी वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था नहीं
मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण होने से, सड़क पर होर्डिंग-बैनर से
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