design of GMC, Bettiah |
बिना संसाधन छात्र-छात्राएं जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई पूरी करने को विवश है। लेक्चर थियेटर, फैकेल्टी, लैब, चिकित्सकों संख्या, ओटी, जिमनाजियम, भवन को लेकर कई बार एमसीआई ने कॉलेज प्रशासन की फटकार लगा चुकी है। उसके बावजूद भी कुछ समस्या का हल नहीं निकलता, विभागीय जानकारों की माने तो अभी तक तकरीबन दस बार एमसीआई कॉलेज का निरीक्षण कर चुकी है।।
अपने हर निरीक्षण में एमसीआई की टीम यहां के एक-एक व्यवस्थाओं से रूबरू होती है। लेक्चर थियेटर, ओटी, माइनर ओटी, भवन, फेकेल्टी, इलाज करने के तौर तरीके, रजिस्ट्रेशन काउंटर, चिकित्स्कों की संख्या की पड़ताल की। लेकिन मानक से कोसो दूर खड़ा इस कॉलेज को लेकर हर बार अपनी नाराजगी जाहिर की।
बार-बार कमियों को चिन्हित करते हुए कॉलेज प्रशासन व विभाग को निर्देश भी दिया, लेकिन अफसोस..किसी प्रकार का ठोस कदम आज तक नहीं उठाया गया।
आज भी यह कमी छात्र-छात्राओं एवं एमसीआई के लिए परेशान का सबब बना हुआ है। हालांकि कॉलेज प्रशासन और विभाग ने हर बार एमसीआई को राजी करने में सफलता प्राप्त की है। नतीजतन 2013 से लगातार बिना संसाधन कॉलेज को मान्यता प्राप्त हो रही है। व्यवस्था में सुधार नहीं होने का कारण विभागीय उदासीनता बताया जाता है। इसके लिए आवंटित तकरीबन 800 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत नहीं किया जाना बताया जाता है। इसी कारण भवन निर्माण कार्य भी गति नहीं पकड़ रही है।
बीते साल 5सितम्बर को छात्रों द्वारा की गई आंदोलन ने काफी सुर्खियां बिटोरी थी, कॉलेज में सुविधाओ के खिलाफ जो छात्रों ने आवाज उठाई थी। उसपर जमकर हंगामा हुआ भी था, ट्वीटर, फेसबुक, पर #savegmcbettiah का कैंपेन भी चला, छात्र रोड पर भी उतरे सड़क जाम भी किए। एनडीटीवी पर रवीश जी ने इसपर सवाल भी उठाए, फिर जाकर नेताजन इसपर आश्वाशन दे कर मामला शांत कराया।
उसी दौरान राज्य सरकार द्वारा कॉलेज के फंड वापस मंगवाए तो कुछ नेताजनो ने धरना भी दिया।
फिर जनवरी2017 में ये खबर आई के मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु 4अरब 75करोड़ पास हुए हैं। और जल्द ही कॉलेज भवन और कैंपस का निर्माण होगा।
475 करोड़ की लागत से शुरू होगा मेडिकल कॉलेज के भवन और कैम्पस का निर्माण!!
कछुए की गति से भवन निर्माण कार्य
गर्वर्नमेट मेडिकल कॉलेज में भवन निर्माण कार्य तो चल रहा है, लेकिन इसकी गति काफी धीमी है। नतीजतन कॉलेज एमजेके अस्पताल भवन के सहारे संचालित हो रहा है। विभागीय जानकारों की बात माने तो मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण की जिम्मेवारी विभाग की ओर से एलएनटी कंपनी को दी गई है। कंपनी को करीब ढ़ाई साल में निर्माण कार्य पूरा भी किया जाना है। फिलहाल छात्र-छात्राएं दो लेक्चर थियेटर एवं चार लैब के सहारे अपनी पढ़ाई पूरी करने को विवश है।
कैसे करेंगे आंख की ऑपरेशन यहां तो..
गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे भविष्य के चिकित्सक अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है। यहां की व्यवस्था के खिलाफ वे कई बार सड़क पर भी उतर चुके है। इसके लिए वरीय अधिकारी सहित शहर के गणमान्य लोगों से भी आरजू, मिन्नत कर चुके है। बावजूद व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। नतीजतन छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर काफी परेशान है। नाम नहीं छापने के शर्त पर छात्र-छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में संसाधन की घोर किल्लत है। थियूरी की पढ़ाई तो होती है, लेकिन प्रेटिकल का लाभ उन्हें मानक के अनुसार नहीं मिलता है। छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनके अभिभावक और वे एक कुशल चिकित्सक बनने का सपना लेकर गवर्नमेंट मेडिकल बेतिया में दाखिला लिए थे।लेकिन उनका सपना यहां चकना चुर हो रहा है। उनका कहना है कि मामूली आंख के ऑपरेशन का उपकरण तक कॉलेज में नहीं है!!
शिक्षक 167, लेकिन पढ़ाई एक दर्जन के सहारे
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों व छात्रों की हाजरी हर रोज लगती है। क्लास नियमित चलते है, लेकिन महज एक दर्जन शिक्षक ही मेडिकल छात्र-छात्राओं को पढ़ा पाते है। हालांकि शिक्षकों की संख्या 167 है।
एमसीआई ने इन बिंदओं पर दर्ज कर चुकी है आपत्ति
- फेकेल्टी की कमी
- इंफास्ट्रेक्टचर की कमी
- सीटी स्कैन
- लेक्चर थियेटर
- शिक्षकों की संख्या
- भवन
- लैब
- ओटी
जल्द ही मेडिकल कॉलेज में डिप्लोमा कोर्स की पढाई होगी शुरू।
एमसीआई द्वारा चिन्हित बिंदुओं पर कार्यवाही करते हुए, कमियों को दूर करने का काम शुरू कर दिया गया है। भवन और इंफास्ट्रेक्टचर की कमी बहुत जल्द दूर हो जाएगी।
—डा. राजीव रंजन प्रसाद
प्राचार्य, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया।