शहर बेतिया के रहनेवाले ऋषभ राज ने मिस्टर एंड मिस परफेक्ट में मिस्टर परफेक्ट का ताज भले ही अपने नाम कर लिया हो लेकिन उनके बड़े सपने अभी पूरे होने बाकी है। राजधानी पटना में आयोजित मिस्टर एंड मिस परफेक्ट केविजेता बने रिषभ राज बचपन के दिनों से ही मॉडल-अभिनेता बनना चाहते थे। उन्होने रणवीर सिंह की फिल्म बैंड बाजा बारात देखी और उन्हें रणवीर के केसाथ ही मॉड्लिंग और एक्टिंग की दुनिया से प्यार हो गया। इसके बाद रिषभ ने स्कूल और कॉलेज में आयोजित कई मॉड्लिंग शो में शिरकत की। वह मॉड्लिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहते थे ।
इसी को देखते हुये रिषभ ने मॉड्लिंग शो में हिस्सा लेना शुरू कर दिया । मलद शोमन, जॉन अब्राहम और अर्जुन रामपाल को मॉड्लिंग गुरू मानने वाले ऋषभ ने बताया कि उन्हें कुछ दिनों पूर्व सोशल नेटर्विकग साइट फेसबुक के जरिए पता चला कि बिहार की राजधानी पटना में मिस्टर एंड मिस परफेक्ट का आयोजन किया जा रहा है। रिषभ इस बात को लेकर बेहद खुश हुये कि बिहार में इतने बड़े स्तर पर शो का आयोजन किया जा रहा है। कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं। रिषभ ने इस शो में हिस्सा लिया और वह शो के विजेता बन गये। ऋषभ ने शो के आयोजक संदीप सिंह और कोरियोग्राफर अतुल शर्मा के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार की पावन धरती पर इतने बड़े शो का आयोजन किया। उन्होंने बताया उनकी ख्वाहिश शुरू से ही बॉलीवुड फिल्मों में काम करने की है और इस शो में विजेता बनने के बाद जल्द ही उनकी ये हसरत भी पूरी होने वाली है। ऋषभ ने मिस्टर परफेक्ट का ताज बिहार की जनता को सर्मिपत किया है। उन्होंने बताया कि वह आने वाले सीजन को सपोर्ट करने मे कोई कसर नही छोड़ेगें। रिषभ के सपने यूं ही पूरे नही हुये , यह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है, हर पहलू जिन्दगी का इम्तिहान होता है। डरने वालो को मिलता नहीं कुछ जिन्दगी में, लड़ने वालों के कदमों में जहां होता है।
ऋषभ ने बताया कि वह अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपनी नानी प्रभावती देवी ,मां किरण देवी और पिता विपुल कुमार मिश्रा को देते हैं जिन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया है।
रिषभ अपने माता-पिता को देखते हुये भावुक हो गये और गुनगुनाते है “ जिंदगी हर कदम एक नयी जंग है जीत जाएंगे हम अगर आप संग हो , तुम साथ हो जब अपने दुनिया को दिखा देंगे , हम मौत को जीने का अंदाज सीखा देंगे।