बेतिया-जैसा की आप सभी जानते है “रोमन कैथोलिक चर्च” बेतिया के प्रशिद्ध चर्चो में से एक है और ईसाईयों के लिए प्रमुख जगह भी।इसकी सुन्दरता देखने लायक है।इसके साथ बेतिया की इतिहास भी जुडी हुई है।अपने चम्पारण में काफी ईसाई रहते हैं, जो इस शहर की विशेषता है क्योकि यहाँ सभी विभिन्न धर्मो के लोग अपनी एकता और भाईचारे के लिए जाने जाते है।
इतिहास और निर्माण:
1740 ई० में एक बहुत ही उल्लेखनीय घटना घटी।जब बेतिया की महारानी बीमार हो गयी और वो नजदीकी चिकित्सक के इलाज से ठीक नहीं हो पा रही थी। तत्पश्चात बेतिया के राजा ने फ़ादर जोशेफ़ मैरी को आमंत्रित किया जो पटना में रहते थे और बहुत ही अच्छे चिकित्सक थे।आखिरकार फ़ादर जोशेफ़ की इलाज काम कर गयी और “महारानी” की सेहत ठीक हो गई। जिससे बेतिया के राजा बहुत प्रसन्न हुए।
तत्पश्चात राजा ने इस पुरे क्षेत्र में फ़ादर जोशेफ़ मैरी को अपने धर्म प्रचार को फ़ैलाने की आजादी दे दी।इस इजाज़त के बाद 1769 ई० में रोम से आये पादरियों ने बेतिया में एक “मिशन” की शुरुवात की। इसी “मिशन” के तहत बेतिया में कई स्कुलो, कई अनाथालय, कई कल्याणकारी संस्थाए इत्यादि बनवाई गयी जो समाज के हित में कारगर भी रही है।
इसी मिशन के तहत बेतिया में “रोमन कैथोलिक चर्च” की स्थापना भी हुयी।जब 1917-18 ई० में गांधीजी ने आजादी की पहली लड़ाई “सत्याग्रह आन्दोलन” की शुरुवात की उसी समय “रोमन कैथोलिक मिशन” को पुरे देश ने जाना और यह मिशन हमारे बेतिया और चंपारण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तथा प्रभावकारी रहा क्योकि इससे हमारे क्षेत्र का विकास हुआ। इस मिशन के तहत चलाये जा रहे विभिन्न स्कूलों तथा संस्थानों के जरिये हम सभी को बेहतर शिक्षा मिली।
यह चर्च अपने भव्य भवन और शांत माहौल के चलते प्रशिद्ध है। यह चर्च हर साल “क्रिसमस” के दिन बेतिया के मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है जहा हजारो की संख्या में लोग उपस्थित रहते है और इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाते है।