मूलरूप से उत्तरप्रदेश के लखनऊ के रहनेवाले जयंत 2009 बैच के अधिकारी हैं. इसी सप्ताह वह बेतिया में 34वें एसपी के पद पर कमान संभालेंगे. यहां के एसपी रहे विनय कुमार की डीआइजी पद में प्रोन्नति के बाद जयंत कांत को एसपी बताया गया है. विनय कुमार अब मगध रेंज का डीआइजी के पद अपनी सेवाएं देंगे।
बेतिया के नवागत एसपी जयंत कांत ने बताया कि लॉ एंड आर्डर बनाये रखना उनकी प्राथमिकता होगी. अपराध व अपराधियों पर रोकथाम लगे, इसको लेकर रणनीति के तहत काम होगा. सभी शिकायतें थाना स्तर पर ही निबट जायें, इसको लेकर विशेष नजर रहेगी. पुलिस अधिकारियों को टास्क देकर उनकी जवाबदेही तय की जायेगी. श्री कांत ने बताया कि सरकार की ओर जो भी निर्देश प्राप्त होगा, उसे पूरा किया जायेगा.
कांत करीब तीन साल से जमुई में एसपी पद पर थे. इस दौरान उन्होंने कई हार्डकोर नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी थी. हालांकि, उनके लिए कई चुनौतियां भी होंगी. सबसे बड़ी चुनौती मोतिहारी के अगवा व्यवसायी अमित मामले का खुलासा करना होगा. इसके अलावा लगातार बढ़ रहे रंगदारी व लूट के मामलों को रोकना भी चुनौती होगी.
पूर्व एसपी विनय कुमार द्वारा लगाई गई थी अपराधों पर अंकुश
जब यह खबर लिखी जा रही है, तब विनय कुमार बेतिया से गया के लिए प्रस्थान करने की तैयारी में लग गये होंगे .
डीआईजी में प्रोमोशन के बाद राज्य सरकार ने उन्हें 31 दिसंबर को ही मगध का डीआईजी बनाया है . वे पहले भी गया में एसएसपी में रह चुके हैं . विनय कुमार को बिहार में अपराधियों का दुश्मन नंबर – 1 आईपीएस अधिकारी माना जाता है . जब वे आईपीएस बने ही थे, तभी पटना के दानापुर में अपराधियों ने उनके बड़े भाई की हत्या कर दी थी . इसके बाद वे और तीखे पुलिस अधिकारी बने . सामने आए अपराधी को तोड़ देते हैं .
अब संभव नहीं है, लेकिन जब विनय कुमार एसपी थे, तो यह बिहार पुलिस के सीनियर आफिसर ही कहा करते थे कि पटना में मनु महाराज के बेस्ट विकल्प थे . लेकिन दिक्कत यह थी कि विनय कुमार का होम टाउन पटना है, ऐसे में नियमों के तहत वे पटना के एसएसपी कभी नहीं बन सकते थे .