बेतिया : “छावनी ओवर ब्रिज” न होने के चलते अगर वाकई किसी का नुकसान हुआ है तो वो यहाँ की आम जनता को ही। नेताओ ने न ओवरब्रिज बनवाया और न ही संतावना दी बल्कि एक-दुसरे पर इल्जाम लगाते रहे।हद तो तब हो गयी जब ओवरब्रिज न होने के कारन एक लड़के की अकाल मृत्यु हो गयी और इस घटना ने लोगो को झकझोर दिया। वे सड़को पर उतर आये और सरकार को कोसने लगे। लेकिन हमारे नेता भी तो देश के महान नेताओ में से एक है उन्होंने कुछ नहीं किया। नहीं उस लड़के की परिवार को कुछ दिलासा मिला न हीं बेतिया के लोगो को।
यह सिलसिला यहा ही नहीं थमा।छावनी जाम के चलते एक वृद्ध की भी मृत्यु हो गयी और हमारे प्रिय नेताओ ने इंसानियत के नाते भी कुछ नहीं किया।
और 26 जनवरी के दिन जब देश के लोग गणतंत्र दिवस मना रहे थे। तब अपने शहर बेतिया में छावनी रेलवे क्रासिंग के पास ट्रेन से कटने के चलते एक आदमी की दुर्भागपूर्ण मृत्यु हो गयी।अब इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता।एक ओवरब्रिज के न होने से इतनी दुर्घटनाये हुई लेकिन सरकार कुछ करने के इरादे में नही है।
अगर यहा के लोग अपनी हक के बारे में नहीं सोचेंगे तो नहीं यहा का विकास होगा और नाही यहा की सरकार सुधरेगी। क्योकि सरकार में बैठे लोग भी हमलोगों में से ही है।
!!!!मेरे चम्पारण के लोगो का अगर जमींर जिन्दा हो तो हाथ जोर कर विनती करता हूं की कृपया साथ दिजिये व आगे आईये!!!
!!!!!जागो चम्पारण जागो!!!