आम जनता के सपने हद तक साकार करने की कोशिश होगी। स्वास्थ्य योजनाओं के कार्यों में तेजी आएगी। नए स्वास्थ्य केंद्रों के खुलने से गांव में ही इलाज की सुविधा मिलेगी। पुराने स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ेंगी। चिकित्सा शिक्षा में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में खाली पड़े प्राध्यापकों की सीट भरे जाने की उम्मीद है। छात्र-छात्राओं को शिक्षक, फर्नीचर, क्लास रूम, लैब, लाइब्रेरी, जिम्नेजिएम आदि की समस्याओं से निजात मिलेगी।
जिला मुख्यालय से कोसों दूर मैनाटाड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे। रामनगर सेढ़वा दोन स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव की सुविधा बहाल होगी। इसके लिए ए ग्रेड एएनएम सहित अन्य व्यवस्था बढ़ाई जाएगी। चिकित्सकों की तैनाती भी की जाएगी। वर्षो से बदहाल अनुमंडल अस्पताल नरकटियागंज पर भी विभाग का फोकस रहेगा। यहां सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ इसकी चहारदीवारी कराई जाएगी। नवजात के बेहतर इलाज के लिए सीक न्यूबॉर्न केयर यूनिट का विस्तार होगा। मासूमों के जीवन की रक्षा के लिए कई नए उपकरण लगाए जाएंगे। बता दें कि विगत कुछ सालों में मरीजों का रुझान सरकारी अस्पतालों की ओर बढ़ा हैं। इन अस्पतालों से लोगों की उम्मीद बढ़ रही हैं। इसका अंदाजा अस्पताल के काउंटर पर अपनी बारी की प्रतीक्षा में खड़े मरीज एवं उनके परिजनों को देखकर सहज ही लगाया जा सकता हैं। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो केवल जिला मुख्यालय स्थित एमजेके अस्पताल के आउटडोर में हर दिन 6-7 सौ मरीज इलाज को आते हैं। कमोबेश यही स्थिति जिले के हर अस्पतालों की हैं। संसाधनों पर गौर करें तो विगत कुछ सालों की तुलना में संसाधन भी बढ़े हैं लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना शेष हैं।
खुलेगा पारामेडिकल कॉलेज
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया में एमबीबीएस के साथ-साथ डिप्लोमा की पढ़ाई होगी। एएनएम, एक्सरे टेक्नीशियन, ओटी असिस्टेंट, ऑफथॉल्मिक, लैब टेक्नीशियन, ड्रेसर सहित विभिन्न कोर्स में नामांकन होगा। नर्सिंग, फार्मासिस्ट, ओटी असिस्टेंट सहित पारामेडिकल से जुड़े विभिन्न मेडिकल साइंस की पढ़ाई यहीं से संभव होगी। इसकी रुचि रखने वाले छात्रों को बेतिया से बाहर जाने की विवशता नहीं रहेंगी। इसके लिए विभागीय कवायद शुरू कर दी गई हैं।
यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो नए साल के जनवरी से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। हालांकि, बिहार संयुक्त मेडिकल प्रवेश प्रतियोगिता पर्षद द्वारा इसके लिए कुछ छात्र छात्राओं का चयन भी किया जा चुका है। विभागीय जानकारों की मानें तो संबंधित बोर्ड द्वारा पटना में हुई काउंसलिंग में 24 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। इसमें एएनएम के लिए 23 एवं ओटी असिस्टेंट के लिए एक छात्र शामिल हैं। नामांकन के लिए कमेटी का गठन भी कर लिया गया हैं। 135 छात्र-छात्राएं मेडिकल साइंस में अपनी पढ़ाई शुरू करेंगे। फिलहाल कुल 135 सीटों के विरुद्ध 24 छात्र-छात्राओं का चयन यहां के लिए किया गया हैं।
निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा। |
उच्च शिक्षा को मिलेगी आधारभूत संरचना
उच्च मेडिकल शिक्षा का भी विस्तार होगा। वर्षो से संसाधन की मार झेल रहे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राओं को नए लेक्चर थियेटर, लाइब्रेरी और जिम्नेजिएम मिलेंगे। ये मेडिकल छात्र छात्राओं के उड़ान को पंख लगाएंगे। लैब की व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाएगा। आधुनिक उपकरण बहाल होंगे। वहीं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नए साल में वाइ-फाई से लैस होगा। यहां बायोमीट्रिक हाजिरी से लेकर कई उपचार की व्यवस्था ऑनलाइन होगी। मेडिकल छात्र-छात्राओं को बेहतर इंटरनेट सुविधा मिलेगी। कॉलेज को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत करने की योजना भी है। विभागीय जानकारों के अनुसार इसी साल यहां की सभी व्यस्था ऑनलाइन हो जाएगी। कोई भी व्यक्ति एक माउस क्लिक कर संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता हैं। यह सीधा एमसीआइ से जुड़ा होगा। कॉलेज की उपस्थिति एमसीआई के दफ्तर में बैठे अधिकारी देख सकेंगे।
नए साल में पीजी की पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद
नए साल में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद हैं। इसमे डेंटल, अर्थोपैथोलॉजी कैंसर, न्यूरो सर्जरी, अर्थो में ट्रामा, मनोचिकित्सा आदि कोर्स शामिल हैं। पीजी में पढ़ाई की मान्यता मिलने में यहां से एमबीबीएस पूरा करने के बाद यहीं से पीजी की पढ़ाई संभव हो पाएगी।