समाजिक विकाश संगठन काल दिनांक 25दिसम्बर2017 से छावनी ओवरब्रिज के लिए आन्दोलन की शुरुआत करेंगी।
बेतिया छावनी ओवरब्रिज बेतिया का एक बहुत ही बड़ी मुद्दा हैं, सालो से स्थानीय नेतागन इस मुद्दे को लेकर गलत राजनीति करते आ रहे हैं।
लगभग अभी तक बेतिया ओवरब्रिज ना होने के वजह से छावनी जाम में 47 लोगों की बेदर्दी से मौत हो चुकी हैं (न्यूज़पेपर में प्रकाशित थी ये रिपोर्ट).. जिसमें छोटे बच्चों से लेकर नवजवान और बुजुर्ग शामिल हैं। दर्जनों गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की मौत छावनी जाम में फँसने के वजह से जा चुकी हैं। इतना होने के बावजूद स्थानीय नेताजनों को कोई परवाह नहीं।
जिले के 18 में से 14 प्रखंडों को जोड़नेवाले इस छावनी चौक पर ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि गंभीर क्यों नहीं है ये सवाल सालों से बेतियावासी साँसद विधायक से पूछते आये हैं। पर हमेशा भरोसा और दिलासा दे कर साँसद विधायक कन्नी काट लेते हैं।
छावनी का नाम सुनते ही जाम तो मानो जिन्दगी का एक अहम हिस्सा लगने लगा हैं। लोग ना सही वक़्त पर अपने दफ्तर पहुंच पाते हैं, ना बच्चे स्कुल।
आज से डेढ़ साल पहले नेता और प्रशासन ने 45दिनों में छावनी ओवरब्रिज कार्य शुरू करने का दिलासा दे कर भूख हड़ताल तुड़वा दिया, लेकिन अबकी बार वैसा कुछ नहीं होगा। जब तक छावनी ओवरब्रिज कार्य की शुरुआत नहीं हो जाती ये आन्दोल जारी रहेगा:: समाजिक विकाश संगठन
रोजाना छावनी महाजाम में अप्रिये घटनाओं का ज्यादातर पढ़ने वाले बच्चे शिकार हो रहे हैं।
समाजिक विकाश संगठन ने इस आँदोलन में ज्यादा से ज्यादा बेतियावासियों को साथ जुड़ने की अपील की हैं।
साथ ही कल से सामाजिक विकाश संगठन बेतिया छावनी में आंदोलन की आगाज़ करेगी, जिसके लिए आवेदन प्रशासन को सौंप दिया गया हैं। समाजिक विकास संगठन के निर्णय के अनुसार ये आन्दोलन तब तक खत्म नहीं होगी जब तक छावनी ओवरब्रिज का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो जाता।
साथ ही संगठन ने कार्यक्रम में शांति भंग करने वाले असमाजिक तत्वों का जवाबदेही भी प्रशासन और सरकार को बनाया हैं।