बेतिया: नगर के सभी बूचड़खाने चलानेवालों को लाईसेंस लेना अनिवार्य है। साथ ही दुकानों को सुव्यवस्थित करना होगा। ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो। इस बावत दैनिक जागरण ने पिछले 3 अप्रैल को अवैध बूचड़खानों पर नहीं रहता प्रशासन की नजर शीर्षक से एक खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद प्रशासन की नींद आखिरकार टूट ही गई। बता दें कि नगर में मुर्गा, खस्सी आदि की सैकड़ों दुकानें हैं, जहां नियम कायदों का पालन नहीं किया जाता है। अवैध रुप से चल रहे इन बूचड़खानों से खून के फव्वारे सड़कों पर आने जाने वाले राहगीरों को परेशान करती है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश भी है। कभी-कभी तो सड़क चलते राहगीरों व दुकानदारों से झगड़े भी हो जाते है। इसकी दुर्गंध से आसपास के लोगों का रहना कठिन है। जबकि ज्यादातर बूचड़खानों को सड़क के किनारे ही रखा गया है। ताकि लोग उसे देख कर खरीद करने के लिए पहुंच सकें। कुछ तो ऐसी भी जगह भी है जहां बूचड़खानों पर भीड़ व सड़क पर ग्राहकों के वाहन के कारण सड़क जाम की समस्या भी आयेदिन उत्पन्न हो जाती है। लोगों की इस पीड़ा को अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद नगर परिषद ने पहल आरंभ कर दी है। नगर परिषद द्वारा जारी आदेश में अब सभी दुकानदारों को लाईसेंस लेना अनिवार्य बताया गया है। साथ ही दुकानों में टाईल्स भी लगाना जरूरी है। मांसाहारी पदार्थो को ढ़क कर रखना है। इसे सड़क के किनारे नहीं काटने की भी हिदायत दी गई है। ताकि गंदगी नहीं फैल सके।
सभी बूचड़खानों को लाईसेंस लेना अनिवार्य है। साथ ही इसे सुव्यवस्थित करके रखना है। ऐसा नहीं करने वालों पर न्याय संगत कार्रवाई होगी। साथ ही इनको सुव्यवस्थित करने के लिए माकूल जगह देने पर पर भी विचार किया जा रहा है।
डा. विपिन कुमार
कार्यपालक पदाधिकारी
नगर परिषद, बेतिया
अब बेतिया में भी अवैध बुचड़खानों पर गिरी गाज, लेनी पड़ेगी लाईसेंस
By Apna Bettiah
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