बेतिया: पखनाहा-तमकुही पुल निर्माण की मंजूरी मिल गई है। 25 जनवरी को इस पुल का शिलान्यास होगा। इससे दियारावर्ती इलाके के विकास में गति आने के साथ ही बेतिया का उत्तरप्रदेश से सीधा व सरल संपर्क कायम हो जाएगा। उक्त बातें सांसद डा. संजय जायसवाल ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहीं। सांसद ने इसे चम्पारणवासियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से नए वर्ष का तोहफा बताते हुए कहा कि गंडक नदी पर पखनाहा-तमकुही पुल निर्माण की लंबी अर्से से मांग की जा रही थी। विगत 20 वर्षों में पुल निर्माण के लिए लोगों ने कई आंदोलन भी किए थे। इसके लिए आमलोगों की कई संघर्ष समिति भी बनाई गई थी, लेकिन अब पुल निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। वे स्वयं भी इसके लिए संघर्षरत थे। पुल निर्माण के लिए केंद्र सरकार के साथ बिहार व यूपी सरकार की भी स्वीकृति मिल गई है। सांसद ने बताया कि इसके साथ ही रक्सौल-वीरगंज आरओबी निर्माण का भी रास्ता साफ हो गया है। मोतिहारी, पीपराकोठी-रक्सौल उच्च पथ निर्माण के लिए जो नया टेंडर निकलने वाला है उसी टेंडर में यह योजना भी शामिल रहेगी। सबसे अहम यह है कि सड़क के हिस्से की बिहार सरकार की राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा नेता पन्नालाल साह, भाजपा नगर कमेटी के अध्यक्ष छठू शर्मा, भाजयुमो जिलाध्यक्ष कुमार गौरव उर्फ ¨रकी गुप्ता व युवा नेता विजय कुमार चौधरी मौजूद रहे।
यूपी के सीएम व केंद्रीय मंत्री करेंगे शिलान्यास
पखनाहा-तमकुही पुल का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संयुक्त रूप से करेंगे। शिलान्यास 25 जनवरी को होगा। शिलान्यास का जगह अभी निर्धारित नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि शिलान्यास कार्यक्रम तमकुही या देवरिया में होगी।
मायावती के दिलचस्पी नहीं लेने से लटका था पुल निर्माण
सांसद ने कहा कि नदी पर बड़े पुल निर्माण के मामले में नदी के उपर पुल निर्माण का खर्च केंद्र सरकार वहन करती है, जबकि दोनों छोरों को जोड़ने का खर्च राज्य सरकार को देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एनडीए के कार्य काल में इस पुल निर्माण की राशि केंद्र सरकार रीलिज कर दी थी। बिहार सरकार भी सहमत थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार थी और इसमें दिलचस्पी नहीं ली जिस वजह से पुल निर्माण का मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया था।
स्रोत- दैनिक जागरण