निगरानी के डीएसपी दीनानाथ चौधरी ने बताया कि लौरिया थाना में दर्ज कांड संख्या 95/17 के अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अनुसंधानकर्ता दारोगा इबरार अहमद खां ने 10 हजार रुपये की मांग की है। शिकायत के आलोक में निगरानी के सदस्य ने लौरिया थाना पहुंच कर शिकायत का सत्यापन किया।
शिकायत सही पाए जाने के बाद निगरानी विभाग द्वारा एक धावा दल का गठन किया गया। टीम में शामिल सदस्य मंगलवार की सुबह लौरिया थाना के आसपास पहुंचे। जैसे ही पीडि़त निर्मल मिश्र ने थाना परिसर स्थित दारोगा के आवास पर पहुंच 10 हजार रुपये रिश्वत के रुप में दिए तभी धावा दल ने रुपये लेते दारोगा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
घूसखोर दारोगा अरवल जिले के कलेर थाना अंतर्गत पुराकोठी का निवासी है। धावा दल में डीएसपी दीनानाथ चौधरी के डीएसपी मुुन्ना प्रसाद, इंस्पेक्टर विनोद पांडेय, आशिफ एकबाल मेेंहदी के अलावे अन्य सहयोगी शामिल थे।
स्रोत-दैनिक जागरण
गौरतलब ये है कि आय दिन कोई न कोई अफसर निगरानी टीम के हाथो पकड़े जा रहा है। फिर भी सरकारी अफसर रिसवत लेने में पीछे नही हट रहे है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या रिसवत लेना इनकी आदत बन गयी है क्या ये कभी समझ पायंगे की रिसवत हमारे समाज को खोखला कर रही है??? आप किसी भी विभाग में चले जाये ऐसा लगेगा कि रिसवत लेना इनकी परंपरा है। क्या हमारा समाज रिसवतखोरी की बीमारी से कभी मुक्त हों पायेगा?????????????