क्या है कॉर्निया?
बेतिया: कॉर्निया आंख का काला हिस्सा होता हैं। इसके खराब होने से मरीज को दिखाई नहीं देता हैं। यानी उसकी आंखों की रोशनी चली जाती हैं। चिकित्सकों के अनुसार दुर्घटनाओं के समय अक्सर मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाती हैं। नतीजतन, उसे बदल कर दूसरा लगाया जाता हैं। ट्रांसप्लांट होने पर रोशनी पुन: बहाल हो जाती हैं। आई बैंक बनने की घोषणा के साथ ही इस सुविधा के मिलने की उम्मीद बढ़ गई हैं। यहां आई बैंक बनने के बाद दाताओं द्वारा दान किए गए आंख को रखने की सुविधा होगी। जब बैंक में आंख रखे जाएंगे तो नि:श्चित रूप से उसका ट्रांसप्लांट होगा।
नेत्रदान के लिए चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
बेतिया: नेत्रदान के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए टीम बनाकर लोगों को जागरूक किया जाना हैं।
विभागीय जानकारों के अनुसार जागरूकता टीम की कमान मेडिकल कॉलेज के कम्यूनिटी मेडिसीन के हेड डा. शिल्पी रंजन संभालेगी। टीम जिले के हर एक लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करेगी। ताकि जरूरतमंदों के जीवन में रोशनी लाया जा सके।
छह सदस्यीय होगी ब्रेन डेथ कमेटी
बेतिया: गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में खुलने वाले आई बैंक के लिए ब्रेन डेथ कमेटी बनाने की कवायद शुरू कर दी गई हैं। यह कमिटी छह सदस्यीय होगी। कमिटी में सर्जरी विभाग के दो, मेडिसिन विभाग के दो और एनेथेसिया विभाग के दो चिकित्सकों को रखा जाएगा। यहीं कमिटी नेत्रदान की प्रक्रिया पूरा करने के साथ-साथ संबंधित व्यक्ति के आंखों की जांच करेगी। दूसरे के लिए वे आंख कारगर हैं या नहीं ब्रेन डेथ कमिटी ही निर्णय लेगी।
आई बैंक के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई हैं। स्थल चयन का काम पूरा हो गया हैं। प्रीफेबरिकेटेट भवन निर्माण के लिए बीएमसीआईएल को लिखा गया हैं। ब्रेन डेथ कमिटी एवं जागरूकता कमिटी गठित करने का काम अंतिम चरण में हैं। अभियान चलाकर आम लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। – डा. राजीव रंजन प्रसाद (प्राचार्य)गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बेतिया