बेतिया: गांधी जी ने 18 से अधिक रचनात्मक कार्य बताए हैं, जिसमें कोई ऐसा काम नहीं है जो गांव के लिए नहीं किया जाए। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गांधी जी को मानने वाले सभी लोग गांधी की कर्मभूमि भितिहरवा को जरूर जानते हैं। उक्त बातें रविवार को कस्तूरबा कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय प्लस टू गांधी आश्रम भितिहरवा श्रीरामपुर में गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति नई दिल्ली के पूर्व सलाहकार बसंत भाई ने कही। वे प्रकृति-मानव-वन्यप्राणी सह अस्तित्व के दो दिवसीय कार्यशाला कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बसंत भाई व संचालन दीपेन्द्र वाजपेयी ने किया। कार्यक्रम में अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि बसंत भाई ने कहा कि पूर्व में मैं जब इस स्कूल को देखा था तो एक वेदना थी कि जहां लोगों ने बा और बापू को शिक्षा, सफाई व जुल्म के खिलाफ यहां बुलाया वहां के स्कूल की दशा दयनीय थी। लेकिन आज यहां की बच्चियों की शिक्षा को देख बा की आत्मा को शांति मिल रही होगी। इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने भी बच्चों को प्रकृति, मानव व वन्यप्राणी तथा उनके अस्तित्व के संबंध में विस्तृत जानकारियां दी। मौके पर गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के कार्यक्रम समन्वयक गुलशन गुप्ता, विद्यालय के सचिव दिनेश प्रसाद यादव,अध्यक्ष रामबाबू प्रसाद, विद्यालय के प्राचार्य दीपेन्द्र वाजपेयी, अभिजीत कुमार, शिवशंकर प्रसाद, नथुनी प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद,दयाशंकर पटवारी, अखिलेश्वर पांडेय, शशिकांत पाठक, प्रमोद प्रसाद, सुकदेव प्रसाद यादव, गो¨वद कुमार, गंभीर पाठक, दीपक कुमार पाठक, विवेक कुमार, हेमंत कुमार, मिथिलेश कुमार, आलोक कुमार, सुजीत कुमार, पूजा जायसवाल, वीणा ¨सह आदि उपस्थित रहे।
इस गांव के लिए था गांधी का हर रचनात्मक कार्य
By Apna Bettiah
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