नगर परिषद ने लाईट लगाने के लिए जिस ईएसएलआर कम्पनी से करार किया हैं, उस कम्पनी के अधिकारियों की टीम मंगलवार को शहर का सर्वे करेगी। इसकी तैयारी के लिये नगर परिषद की सभापति गरिमा देवी नप के पदाधिकारियों व वार्ड जमादरों के साथ बैठक की,
इस दौरान सड़को की चौड़ाई, सड़क किनारे लगे पोलो की संख्या और उनकी ऊंचाई का जायजा लिया जाएगा। ताकि चौड़ी सड़को की चौड़ाई के अनुरूप प्रकाश देने वाले एलईडी लाईट लगाया जा सके। बैठक में वार्ड जमादारों को निर्देश दिया गया के वो अपने वार्ड में लगे पोलो की संख्या, सड़को की चौड़ाई, सड़को की संख्या सूचीबद्ध कर सूची को समय सीमा में नगर परिषद को सौंप दी। बता दे कि सड़कों के अलावा गलियों में भी एलईडी लाईट लगाने की योजना हैं। सर्वे में सड़क किनारे लगे सभी पोल चाहे वो बिजली के पोल हो या नगर परिषद की ओर से लगाएं गए हाई लाईट पोल या अन्य चीजों के पोल हो सभी का सर्वे होगा।
बताना चाहेंगे के बेतिया सभापति श्रीमति गरिमा सिकारिया 3दिन पहले पटना स्तिथ ईएसएलआर कम्पनी के कार्यलय में गयी थी। और कम्पनी ने बताया कि वो पहली सभापति हैं जो कम्पनी में आई हैं, इससे खुश होकर कम्पनी ने बिहार के अन्य चार जिलों के साथ साथ बेतिया में भी लाईट लगाने के लिए हामी भर दी।
शहर को दूधिया रौशनी से प्रकाशित करने के लिए सरकार से मान्यता प्राप्त कम्पनी के साथ करार किया गया हैं, पूरे शहर में एलईडी लाईट लगाई जाएगी। तीन फेज में ये कार्य सम्पन होगा, अब बेतिया का कोई भी इलाका अंधेरे में नही रहेगा : गरिमा सिकारिया
“बेतिया का कोना कोना अब रात में दूधिया रंग से नहाएगा। बेतिया के मुख्य सड़कों से लेकर छोटे छूटे गलियों में भी अब रात को उजाला देखने को मिलेगा”
तीन फेज में होगा काम
कम्पनी बेतिया में एलईडी लाईट लगाने की कार्य तीन फेज में पूरा करेगी।
¶ पहले फेज में पुराने एलईडी लाईट को बदला जाएगा।
¶ दूसरे फेज में जिन इलाकों में पोल लगा हैं किंतु लाईट नहीं लगा तो उसमें लगाया जाएगा।
¶ तीसरे और अंतिम फेज में उन इलाकों में लाईट लगाई जाएगी जिनमे पहले से ना लाईट हैं और ना ही पोल।
…..और ये कम्पनी ही पूरे बेतिया में जो लाईट लगाएगी, उसकी देखभाल कम्पनी खुद ही करेगी। ये लाईट रेमॉन्ट से संचालित होती जो अपने नियमित समय पर खुद ब खुद जल जाएगी और समय पर बंद भी हो जाएगी।
नप पर नहीं पड़ेगा कोई आर्थिक बोझ
चूंकि ये लाईट लगने के बाद इसकी जिम्मेदारी कम्पनी की ही होगी, और इसके लग जाने से नप की बिजली खर्च में से भी बचेगा जिसको नप किसी अन्य कार्य मे लगाएगी। इतना ही नही अगर, कम्पनी द्वारा लगाई गई लाईट खराब हो जाती हैं तो उसको 72घण्टे के अंदर ही कम्पनी ही ठीक करेगी। और अगर ये ना हो पाया तो प्रति पोल के हिसाब से कम्पनी नप को 25₹ का हर्जाना भी भरेगी।
एलईडी लाईट लगने के फ़ायदे
● विधुत ऊर्जा की बचत के साथ ही बिजली बिल की राशि मे बचत होगी।
● विद्युत उत्पादन में हो रहे पर्यावरण के नुकसान में भी कमी आएगी।
● बिजली के खपत में 45 से 55 प्रतिशत कमी आएगी।
● सावर्जनिक स्थलों पर मिलेगी उच्चतम रौशनी।
● नगर परिषद पर नहीं पड़ेगा आर्धिक बोझ।
● लाईट को समय पर ऑन ऑफ करने से छुटकारा